जूनून | Junoon
जूनून
Dedicated to BITS Pilani, Pilani Campus Junoon Sports Event for Specially-abled.ये हौसला है मेरा, कमजोरी नहीं।
मुझे चूमना है उस चोटी को,
जिसके दूर निचे बादल हो कही।
ये मेरी रोज़ की मामूली जंग है.
तुम्हारे लिए ये जैसी विश्वयुद्ध की पुकार।
जीभ नहीं तो क्या,
मुझमे में हैं सिंह की ललकार।
ये जो विश्वास का बाँध भर रहा,
देखना मुझे खुद को महान।
तुम लोग जैसे चल नही सकता तो क्या,
मुझे में हैं गरुड़ की उड़ान।
ना समझना की मुझमे कोई कमी हैं ।
तुम्हारी थाली भरी होने के बाद भी तुम्हे भूक नहीं हैं ।
ये जूनून हैं मेरा, मेरी मज़बूरी नहीं हैं ।
- संकेत अशोक थानवी ॥ १२/०९/२०१५ ॥
Nice Poem Thanvi!!!!
ReplyDeleteWell written..keep writing
ReplyDelete