मिलना (milna)
मिलना
प्यार, एक गहरा शब्द।
चाहत की बात।
हांथो से, होठों से,
छूने की बात।
सामने वाली कुर्सी को देखु,
चाय के प्याले में सुबह की यादे।
आँखे मूंद लम्बी सांसे,
बाकि टेबल पे जोड़ो को देखु,
मुझे घूरती तुम्हारी निगाहे।
घूंट घूंट में बातो को सुन्ना।
सबको मासूम चेहरे से ठगना।
खिलखिलाने की आवाज़ में,
आखो से कहना।
गलती से उंगलियों का हांथो को छूना।
फिर थमी सांसे मुस्कुराती,
धकधकी में खुदको पाती।
एक सांस में प्याला हुआ खली।
दोनों को पता की रात है बाकी।
रुकने के लिए, गपशप का बहाना।
चाहत के लिए, मिलने का बहाना।
- संकेत थानवी
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