वर्णान्ध - colorblind

वर्णान्ध


क्या चाहिए मुझे?
मुझे चाहिए मतलब।
मतलब जो हो मेरी सीमाएं।
सीमाएं, वो रेखाएं, जो मुझे बनाये।

खाली सफ़ेद कागज़ हूँ।
खुदके साये भी है पराये।
कोई जो लिखे मुझपे,
अपनी कविता मुझे बनाये। 

मैं बनु वो रचना किसीकी,
जिसके ख्याल से वो मुस्कराये। 
जैसे हो कोई मोरपंख,
वो किताब के बीच छुपाये।

छोड़े वो छाप मुझपे। 
मैं हूँ वर्णान्ध। 
मेरे गुम रंगो को,
बून्द बून्द कर वो भराये। 

- संकेत थानवी 

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