खाब मुझे देदो ( Khaab mujhe dedo)
खाब मुझे देदो
बुरी यादे बताकर रो पाऊ ऐसा कन्धा मुझे देदो।
बोलते रहने की जरुरत नहीं ,
चुप होके भी शान्तसे रस्तेपे साथ चलने वाला यार मुझे देदो।
चाँद नहीं बनना मुझे ,
उसके बगलमे छोटेसे तारे की जगह मुझे देदो।
दोस्त की आशा नहीं ,
हमेशा साथ बैठे खंजर रखा हुआ दुश्मन मुझे देदो।
उदास होने की बात नहीं ये,
ये जो समझ पाए ऐसा सागर मुझे देदो।
क्या थोड़ा भी जानते हो मुझे ?
ऐसे खाब को हकीकतकर मुझे देदो।
- संकेत अशोक थानवी ॥११/२/२०१७॥
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