Jeena Hain? Jeelo! | जीना हैं? जीलो!
जीना हैं? जीलो! हसना है? हसलो! रोको मत खुदको। लम्हा ये बीत जाएगा, फिर कोसोगे खुदको। गाना हैं? गा लो! सुर लगाना हैं जितना, लागलो। फिर आवाज़ मे सुर कहा गया, ये पूछोगे मुझको। गम हैं कोई? बाँटलो मुझसे। उस पहाड़ का बोझ, बाँटलो मुझसे। ये फिर तुझे क्या हुआ, ये सब लोग कहेंगे तुझको। प्यार है किसीसे? तो रब से मत मांगना। क्यूंकि प्यार तो ऐसी चीज़ हैं , जिसकी जरुरत भी है उसको। जा बता दे, कितना प्यार है तुझे, तेरे नूर को। लिखना है? लिखलो। इन् हाथोसे लिखलो, समय नहीं हैं ज्यादा। यह लम्हा फिर नहीं आता। फिर क्या, फिर इन्ही हाथोसे हाथों घरका भार उठाना है खुदको। जिंदगी जैसी, वैसाही प्यार, वैसीही दोस्ती, लम्बी नहीं, गहरी होनी चाहिए। इतनी गहरी की कोई खोदे उसकी गहराई, तो आखरी सुराख़ भी दूसरी दुनिया का छोटासा छेद होना चाहिए। तस्वीर खीचना है? खीचलो ! उपकरणोंसे नहीं,...