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Showing posts from July, 2014

Jeena Hain? Jeelo! | जीना हैं? जीलो!

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जीना हैं?   जीलो! हसना है? हसलो! रोको मत खुदको।  लम्हा ये बीत जाएगा, फिर कोसोगे खुदको।  गाना हैं? गा लो! सुर लगाना हैं जितना, लागलो। फिर आवाज़ मे सुर कहा गया, ये पूछोगे मुझको।  गम हैं कोई?  बाँटलो  मुझसे। उस पहाड़ का बोझ, बाँटलो मुझसे।  ये फिर तुझे क्या हुआ, ये सब लोग कहेंगे तुझको।  प्यार है किसीसे? तो रब से मत मांगना। क्यूंकि प्यार तो ऐसी चीज़ हैं , जिसकी जरुरत भी है उसको।  जा बता दे, कितना प्यार है तुझे, तेरे नूर को।  लिखना है? लिखलो। इन् हाथोसे लिखलो, समय नहीं हैं ज्यादा। यह लम्हा फिर नहीं आता।  फिर क्या, फिर इन्ही हाथोसे हाथों घरका भार उठाना है खुदको।  जिंदगी जैसी, वैसाही प्यार, वैसीही दोस्ती, लम्बी नहीं, गहरी होनी चाहिए।  इतनी गहरी की कोई खोदे उसकी गहराई, तो आखरी सुराख़ भी दूसरी दुनिया का छोटासा छेद होना चाहिए।  तस्वीर खीचना है? खीचलो ! उपकरणोंसे नहीं,...

Jaoge Jidhar...(जाओगे जिधर ...)

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जाओगे     जिधर  . . . इस देश मे जाओंगे जिधर , लगेगा सपनो मे देखा था किधर।  जाना है उचाईपे ?? क्या सपने हैं उचाइके ?? रास्ते तो रुके हुए हैं , खुदको ही चलना होगा।  सब कहते हैं रास्ते चलते हैं , कदम आगे तुमको ही रखना होगा।  यहाँ हैं अलग-अलग सबके नज़रिए , पर हैं वही दो आँखे।  यहाँ हैं अलग-अलग सबका रोज़गार , पर हैं वही दो हाथ।  इस चमन के लिए ये एकमेव-इकलोता दिल धड़कता हैं बार-बार।  और ऐसे कई चमकीले-तड़पते दिलोने दिखाए हैं चमत्कार।  कभी-कभी तो इन् दिलो की आखे नम हो जाती हैं, जब किसी को अपने बचपन , और किसी को अपने जवानी की याद आती हैं।  कुछ ने तो दिए हैं ज़हर अमानत मे , कुछ तो कही अब भी उगल रहे ज़हर जमानत पे।  इनकी करनी से हालात ये हैं, की  कभी सैकड़ो ,       कभी हज़ारो , तो   कभी लाखों की ज़हर से ; और बाकि बचे करोड़ो की खबर से ; जान भी ली हैं।  बिछड़े भाईयो के कई परिवार तड़पते हैं हरदम।  जो कभी साथ गाते थे एक ...