रास्ता (Raasta)
रास्ता किसी और के तराज़ूमें , खुदको मत तोलना। रास्ता पता होकरभी चलना कैसे इसपे? खुदको है टटोलना । धोकेदार मोड़ कई सारे , बड़े गतिरोधक कई सारे , युही ना रुकले । बनो ऐसा की कांटे को छूकरभी , खून ना निकले। भूलना मत इस सबमे आस पास देखना, कोई भी सड़क पूरी खाली नहीं होती। एक ज़िन्दगी सिर्फ दो आखो की कहानी नहीं होती। डूबता सूरज पीछे छोड़ने की ख़ुशी माना रहे हो तुम। दरअसल, खुदकी परछाई का पीछा कर रहे हो तुम। जैसे असत्य सत्य का , अंधकार उजाले का प्रमाण। तू युही उदास ना हो चलते हुए , क्योंकि वो तेरे ख़ुशी का प्रमाण। - संकेत अशोक थानवी ॥१४/२/१७॥