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Showing posts from February, 2017

रास्ता (Raasta)

रास्ता किसी और के तराज़ूमें , खुदको मत तोलना।  रास्ता पता होकरभी चलना कैसे इसपे? खुदको है टटोलना ।  धोकेदार मोड़ कई सारे , बड़े गतिरोधक कई सारे , युही ना रुकले । बनो ऐसा की कांटे को छूकरभी , खून ना निकले।  भूलना मत इस सबमे आस पास देखना, कोई भी सड़क पूरी खाली नहीं होती।  एक ज़िन्दगी सिर्फ दो आखो की कहानी नहीं होती।  डूबता सूरज पीछे छोड़ने की ख़ुशी माना रहे हो तुम।  दरअसल, खुदकी परछाई का पीछा कर रहे हो तुम।  जैसे असत्य सत्य का , अंधकार उजाले का प्रमाण।  तू युही उदास ना हो चलते हुए , क्योंकि वो तेरे ख़ुशी का प्रमाण।  - संकेत अशोक थानवी ॥१४/२/१७॥ 

खाब मुझे देदो ( Khaab mujhe dedo)

खाब मुझे देदो अच्छी यादे तो सबको बता पाऊ, बुरी यादे बताकर रो पाऊ ऐसा कन्धा मुझे देदो।  बोलते रहने की जरुरत नहीं , चुप होके भी  शान्तसे रस्तेपे साथ चलने वाला यार मुझे देदो।  चाँद नहीं बनना मुझे , उसके बगलमे छोटेसे तारे की जगह मुझे देदो।  दोस्त की आशा नहीं , हमेशा साथ बैठे खंजर रखा हुआ दुश्मन मुझे देदो। उदास होने की बात नहीं ये, ये जो समझ पाए ऐसा सागर मुझे देदो। क्या थोड़ा भी जानते हो मुझे ? ऐसे खाब को हकीकतकर  मुझे देदो।   - संकेत अशोक थानवी ॥११/२/२०१७॥