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Vo Chupaarustam (वो छुपारुस्तम)

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वो छुपारुस्तम   बहन उसे डराए कभी जो , तो कहते बहन को सब माँ दुर्गा। और वो कभी डराए बहन को, सब कहते उसे अत्याचारी मामा कंस।  पर वो हैं छुपारुस्तम , वो तो है मनसे हंस।  ना दिगई उसे कोई आज़ादी , सबके सामने रोनेकी।  उसे तो दिया गया , सिर्फ और सिर्फ आजीवन मेहनत करने का दंड।  पर वो हैं छुपारुस्तम , रखता वो इस सबको अपने मनमे बंद।  कह नहीं सकता किसीको "मुझे बच्चोको सँभालने जाना हैं ", हसी उड़ायेंगे दफ्तरमे सब।  आज पूरी दुनिया करती हैं , बचपनसे माँ - माँ।  पर वो हैं  छुपारुस्तम , ऐसेही नहीं मिलती सबकी वाह-वाह।  कोई मानेगा इसको की , अत्याचार उसपे भी होता हैं। कोई मानेगा इसको की , बलात्कार उसका भी होता हैं।  कोई नहीं करता विश्वास।  पर वो हैं छुपारुस्तम , खुद चुपहोके दुसरोको नहीं करता उदास।  झाक्के देखो कभी उसमे , जो जल्द सुबहसे देररात तक दफ्तरमे होता है।  झाक्के देखो कभी उसमे, जो साठ का होके आठकी हरकते करता हैं।  झाक्के देखो कभी उसमे, ...